बाबरी मस्जिद मामले में 9 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के हक में फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने आखरी हथियार को भी आजमाने का फैसला किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड अब इस मामले में क्यूरेटिव पिटिशन फाइल करेगा. सूत्र बताते हैं कि बोर्ड के तकरीबन सभी सदस्य इस बात से सहमत हैं कि बोर्ड को आखरी हथियार बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बोर्ड में इस बात को लेकर के काफी मायूसी है कि रिव्यु पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी, ज्ञात रहे कि 12 दिसंबर को अदालन ने रिव्यु पिटीशन ख़ारिज कर दी थी, लेकिन बोर्ड का कहना है कि हम आने वाली नस्लों के यह पैगाम देना चाहते हैं कि हमने मस्जिद को बचाने की हर संभव कोशिश की लेकिन इसे बचाने में नाकामयाब रहे.
ज्ञात रहे कि बीते रोज कमाल फारूकी और जफरयाब जिलानी ने वतन समाचार से बातचीत में कहा था कि क्यूरेटिव पिटिशन फाइल करने का मामला बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में लिया जाएगा. जफरयाब जिलानी ने कहा था कि इस मामले में दिल्ली में बैठे सीनियर वकीलों से बातचीत के बाद ही आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा था कि इस मामले में सीनियर वकीलों को हलफनामा देना होता है, इसलिए इस पर फैसला बातचीत के बाद ही होगा.
वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती एजाज अरशद कासमी ने वतन समाचार से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि बोर्ड क्यूरेटिव पिटिशन फाइल करने के हक में है. उन्होंने कहा कि बोर्ड के अधिकतर सदस्यों का यह मानना है कि मस्जिद को बचाने की आखिरी कोशिश भी करनी चाहिए, लेकिन अभी आखरी फैसला होना बाक़ी है. उन्होंने कहा कि हम रिव्यु पिटीशन खारिज होने से मायूस जरूर हैं लेकिन ना उम्मीद नहीं है और हमें उम्मीद है कि क्यूरेटिव पिटिशन में जरूर सुप्रीम कोर्ट इस दिशा में कोई फैसला लेगा.
उन्होंने कहा कि हमारा काम कोशिश करना है. उन्होंने कहा कि हम मस्जिद को बचाने के लिए आखिरी हथियार भी आजमाना चाहते हैं. फैसला जो भी हो वह हमें मंजूर होगा. उन्होंने कहा कि हमें इस बात की प्रसन्नता है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर गिराकर मस्जिद नहीं बनाई गई थी. साथ ही कोर्ट ने इस बात को भी स्वीकारा है कि मस्जिद में मूर्तियां रखना भी गलत था और मस्जिद शहीद करना भी गलत था. उन्होंने कहा कि जिस दिन मस्जिद के शहीद करने वालों को सजा मिलेगी उस दिन हम समझेंगे कि इंसाफ कुछ हुआ है.
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