नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया छात्रों पर पुलिस के जरिए बर्बरता का आरोप है. पुलिस पर आरोप है कि उसने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. वही साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने जामिया मिलिया इस्लामिया में हालात काबू में होने का दावा किया है. पुलिस की ओर से कहा गया है कि लॉ एंड आर्डर को पूरी तरह कंट्रोल कर लिया गया है.
Chinmoy Biswal, DCP South East,Delhi: Situation in Jamia Milia Islamia University (where a protest took place against #CitizenshipAmendmentAct today) is under control now. The protesters pelted stones at police which has left 12 police personnel injured,two among them are in ICU. pic.twitter.com/iSsEyaJBlW
— ANI (@ANI) December 13, 2019
पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए जिसकी वजह से 12 पुलिस वाले घायल और दो पुलिस वाले आईसीयू में भर्ती हैं. वहीं दर्जनों छात्रों के भी जख्मी होने की खबर है. कई छात्रों के सर तो कई के पैर टूटने की खबरें मिल रही हैं.
ज्ञात रहे कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बीते रोज जामिया के छात्रों ने प्रदर्शन किया और सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लेने की अपील की. खबर है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. छात्र एक रैली के रूप संसद भवन की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे. संसद की ओर से पास किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्राध्यापक और छात्र रैली निकाल रहे थे.
छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. इस रैली के जामिया से संसद मार्ग तक जाने का कार्यक्रम था, लेकिन पुलिस ने रैली निकाल रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करके उन्हें रोक दिया है. पुलिस की कार्रवाई में कई छात्रों को चोटें आई हैं. उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है. पुलिस छात्रों का आगे नहीं बढ़ने दे रही थी. जामिया के छात्रों और प्राध्यपकों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशनों के गेट को बंद कर दिया था.
रैली में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए जामिया की प्राध्यापक मनीषा सेठी ने कहा, ''हमने 1947 में ही धर्म के आधार पर नागरिकता की बात को नकार दिया था.'' आज अमित शाह कह रहे हैं कि यह बिल बंटवारे का परिणाम है. उन लोगों का मानना है कि देश से जबतक मुसलमानों को निकाल नहीं दिया जाएगा, तबतक बंटवारा पूरा नहीं होगा.सेठी ने कहा कि सीएबी और एनआरसी हमें मंजूर नहीं है और हम भारत को इजराइल नहीं बनने देंगे. राज्य सभा ने 11 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) बिल को मंजूरी दी थी. लोकसभा ने इसे 9 दिसंबर को पास किया था.
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